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City Biz/ नई दिल्ली, 3 अक्टूबर 2025 (विशेष रिपोर्ट) / दीवाली के करीब आते ही हर घर में साफ़-सफाई का दौर शुरू होता दिखने लगा है । इस अभियान में घर की बिजली की फिटिंग को भी दुरुस्त करने का काम शुरू हो जाता है । अगर आप भी घर के बिजली के खटके, बल्ब और पंखे बदलने की तैयारी कर रहे हैं तो काम शुरू करने से पहले इन बातों पर भी ध्यान दे लें ।

गर्मियों की तपिश में पंखा तो हर घर का साथी है, लेकिन क्या आप जानते हैं कि आपका पुराना पंखा आपकी बिजली बिल को चुपके से खा रहा है? भारतीय सरकार अब घर-घर (BLDC)(ब्रशलेस डायरेक्ट करंट) पंखों को बढ़ावा दे रही है। 

ये पंखे न सिर्फ बिजली बचाते हैं, बल्कि पर्यावरण को भी हरा-भरा रखते हैं। आज हम इसकी पूरी कहानी बताते हैं – क्यों सरकार इन्हें प्रमोट कर रही है, इनके फायदे क्या हैं, और अब तक कौन-कौन सी सरकारी योजनाएं चली हैं या चल रही हैं। सरल शब्दों में समझें, जैसे घर में चाय की चुस्की लेते हुए।

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सरकार क्यों कर रही है बीएलडीसी पंखों का प्रचार?

भारत दुनिया का तीसरा सबसे बड़ा बिजली उपभोक्ता देश है, और गर्मी बढ़ने के साथ बिजली की मांग भी आसमान छू रही है। 2025 की गर्मियों में दिल्ली का अधिकतम मांग 8,656 मेगावाट तक पहुंच गयी, जो पिछले साल से 1,200 मेगावाट ज्यादा थी। 

घरों में 90% परिवारों के पास पंखे हैं, और ये घरेलू बिजली का 20-40% हिस्सा खा जाते हैं। पुराने इंडक्शन मोटर वाले पंखे 75-80 वाट बिजली चूसते हैं, जबकि बीएलडीसी पंखे सिर्फ 28-35 वाट में काम चलाते हैं।

सागर के स्वस्तिक इलेक्ट्रिक के संचालक संजय अग्रवाल के मुताबिक सरकार का मकसद साफ है: बिजली बचाओ, बिल कम करो, और जलवायु परिवर्तन से लड़ो। भारत ने 2070 तक नेट जीरो उत्सर्जन का वादा किया है, और ऊर्जा-कुशल उपकरण जैसे बीएलडीसी पंखे इसमें बड़ा रोल निभा सकते हैं। 

अगर हर घर में पुराने पंखे बदल दिए जाएं, तो घरेलू बिजली खपत 12-20% तक कम हो सकती है। इससे न सिर्फ ग्रिड पर बोझ कम होगा, बल्कि सरकार को सब्सिडी पर भी अरबों रुपये बचेंगे। ऊर्जा दक्षता ब्यूरो (बीईई) और ईईएसएल जैसी एजेंसियां इसे 'कूलिंग इंडिया स्मार्टली' मिशन का हिस्सा मान रही हैं।


बीएलडीसी पंखों के फायदे: जेब और पर्यावरण दोनों के रक्षक 

बीएलडीसी पंखे पुराने पंखों से बिल्कुल अलग हैं। इनमें ब्रशलेस मोटर होती है, जो चुंबकीय क्षेत्र से चलती है – कोई ब्रश नहीं, कोई घर्षण नहीं। आइए, आसान भाषा में समझें इनके फायदे:

  • बिजली की भारी बचत: एक बीएलडीसी पंखा सालाना 141 किलोवाट-घंटे बिजली बचाता है। अगर आप रोज 12 घंटे चलाएं, तो बिल में 1,500-1,800 रुपये की कटौती! 10 साल में कुल खर्च (खरीद + बिजली) सिर्फ 9,220 रुपये, जबकि पुराने पंखे का 19,200 रुपये।

  • लंबी उम्र और कम मेंटेनेंस: ये 10-15 साल चलते हैं, गर्म नहीं होते, और शोर कम करते हैं। वोल्टेज ऊपर-नीचे होने पर भी सुचारू चलते हैं – भारत जैसे ग्रिड में बड़ा प्लस पॉइंट।

  • बेहतर कूलिंग: हवा का प्रवाह एकसमान, स्पीड कंट्रोल आसान (रिमोट या वॉल रेगुलेटर से)। 65% तक कम बिजली में ज्यादा हवा।

  • र्यावरण दोस्त: कम बिजली मतलब कम कोयला जलाना, कम कार्बन उत्सर्जन। अगर 50% पंखे बदलें, तो 14 गीगावाट पीक डिमांड कम हो सकती है।

कुल मिलाकर, ये पंखे आपकी जेब हल्की करने के बजाय भारी बनाते हैं – और धरती को भी साफ हवा देते हैं।

सरकारी नियम-कानून: अब तक क्या हुआ, आगे क्या?

सरकार ने बीएलडीसी को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठाए हैं। यहां टेबल में आसानी से समझें:

योजना/नियमलॉन्च डेटमुख्य बातेंलाभ/टारगेट
बीईई स्टार लेबलिंग अनिवार्यजनवरी 2023सभी नए पंखों पर 1-5 स्टार रेटिंग जरूरी। 1-स्टार: 50-55 वाट, 5-स्टार: 28-32 वाट।उपभोक्ताओं को सही चुनाव, निर्माताओं को कुशल उत्पाद बनाने का दबाव। अब तक 3-5% अपनापन।
एनर्जी एफिशिएंट फैन प्रोग्राम (ईईएफपी)नवंबर 2023ईईएसएल द्वारा 1 करोड़ 5-स्टार बीएलडीसी पंखे वितरित। पहला बिड: 20 लाख पंखे।20% घरेलू बिजली बचत, 2026 तक पूरा टारगेट। बल्क प्रोक्योरमेंट से सस्ते दाम।
मॉडल रेगुलेशन गाइडलाइंस (यू4ई)2023न्यूनतम ऊर्जा प्रदर्शन स्टैंडर्ड (एमईपीएस), आईईसी 60879 टेस्ट, इंसेंटिव जैसे रिबेट।50% कम बिजली, लंबी लाइफ। राज्यों के लिए मॉडल।
बीआईएस स्टैंडर्ड (आईएस 374:2019)2019 से लागू, 2025 अपडेटसभी पंखों पर अनिवार्य, 900-1500 मिमी स्वीप साइज कवर।सुरक्षा और गुणवत्ता सुनिश्चित।
दिल्ली: बीएलडीसी अनिवार्य सरकारी भवनों मेंदिसंबर 2024 (2025 से प्रभावी)सभी सरकारी इमारतों में बीएलडीसी पंखे और 5-स्टार एसी जरूरी।प्रति पंखा सालाना 950-1,100 रुपये बचत, कुल करोड़ों की बचत। पीक डिमांड कंट्रोल।
बीएलडीसी फैन रिप्लेसमेंट स्कीम (दिल्ली/राज्य स्तर)जून 2025बीएसईएस/बीआरपीएल द्वारा, पुराने पंखे बदलें 69-89% डिस्काउंट पर। प्रति घर 3 पंखे, 600 रुपये रिबेट। 12 महीने वैलिड।सालाना 1,800 रुपये बचत प्रति पंखा। महाराष्ट्र, यूपी, कर्नाटक में विस्तार 2025-26। राष्ट्रीय स्तर पर ईईएसएल टेंडर।
योजनाएं डिमांड साइड मैनेजमेंट (डीएसएम) का हिस्सा हैं। दिल्ली जैसे राज्यों में डिस्कॉम बाय-बैक देते हैं – पुराना पंखा लो, नया सस्ता दो। राष्ट्रीय स्तर पर 2025-26 में ग्रामीण और स्मार्ट सिटी विस्तार की योजना। लेकिन चुनौती है: शुरुआती कीमत ज्यादा (2,500-3,500 रुपये vs 1,200), इसलिए ज्यादा सब्सिडी की मांग।

आगे की राह: हर घर में हवा का नया दौर

बीएलडीसी पंखे अब बाजार में आसानी से मिल रहे हैं – ओरिएंट, क्रॉम्पटन, हेल्फिंच जैसे ब्रांड्स 28 वाट मॉडल ला रहे हैं। सरकार जागरूकता कैंपेन चला रही है, लेकिन आपको भी कदम उठाना होगा। अगर आपका पुराना पंखा 5 साल से ज्यादा पुराना है, तो स्कीम चेक करें। इससे न सिर्फ आपकी बिल कम होगी, बल्कि देश की बिजली संकट में भी योगदान।

 

 

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City Biz News/ क्या आप ने कभी आर्थिक स्वतंत्रता प्राप्त करने और स्थायी संपन्नता बनाने का कोई व्यावहारिक रोडमैप देखा है ? अगर नहीं तो यह किताब आपको केवल निवेश की तकनीक ही नहीं बताती बल्कि सोचने का नया दृष्टिकोण भी देती है। पुस्तक के लेखक  का मानना है कि धन का बीज सबसे पहले हमारे मन में बोया जाता है। यदि हम कमी की बजाय अवसरों पर ध्यान दें, तो आय के नए स्रोत बनाना संभव हो जाता है।

Perpetual Wealth पुस्तक में -लेखक ईथन गैलस्टैड सुझाव देते हैं  कि बचत और निवेश को स्वचालित कर दें ताकि खर्च की प्रवृत्ति पर नियंत्रण हो और समय के साथ धन बढ़ता रहे। साथ ही, केवल एक वेतन पर निर्भर रहने की बजाय, किराये, व्यवसाय, डिविडेंड या रॉयल्टी जैसे अतिरिक्त आय स्रोत विकसित करने की सलाह दी गई है। 80/20 नियम के माध्यम से खर्च को संतुलित कर बचत दर बढ़ाई जा सकती है। चक्रवृद्धि ब्याज का लाभ उठाने के लिए निवेश को लंबे समय तक बनाए रखना आवश्यक है।

इसके अलावा, जोखिम प्रबंधन, कर नियोजन (Tax planning), बीमा और आकस्मिक निधि (Emergency Fund) जैसी रणनीतियाँ संपत्ति को सुरक्षित करती हैं। निरंतर वित्तीय शिक्षा और पीढ़ीगत संपन्नता की योजना भी महत्वपूर्ण बताई गई है। अंततः, गैलस्टैड कहते हैं कि धन का असली उद्देश्य वही है जब यह हमारे जीवन मूल्यों और सपनों से जुड़कर हमें और समाज दोनों को समृद्ध करे।

👉 यह पुस्तक हमें व्यावहारिक आदतें सिखाती है, जिससे हम धीरे-धीरे आर्थिक स्वतंत्रता की ओर बढ़ सकते हैं और कभी भी पैसों की कमी का डर नहीं रहेगा।

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City Biz News/
नगर निगम द्वारा ट्रेड लाइसेंस शुल्क वसूली के विरोध में, अखिल भारतीय व्यापारी परिसंघ (कैट), सागर इकाई ने आज विधायक शैलेंद्र कुमार जैन को एक ज्ञापन सौंपा।
कैट टीम ने कहा कि प्रदेश भर के कई नगरीय निकायों में यह शुल्क नहीं लिया जा रहा है, जिससे सागर में व्यापारियों पर यह शुल्क लगाना अनुचित है।

ऐसे समय में जब व्यापारी पहले से ही मंदी और ऑनलाइन व्यापार की बढ़ती चुनौतियों के कारण दबाव में हैं, इस नए शुल्क ने तीव्र आक्रोश पैदा कर दिया है।

व्यापारिक संगठनों का तर्क है कि जब वे पहले से ही संपत्ति कर और व्यावसायिक कर का भुगतान कर रहे हैं, तो अतिरिक्त ट्रेड लाइसेंस शुल्क अनुचित है।

कैट के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जैन मालथोन ने बताया कि कैट के नेतृत्व में कपड़ा व्यापारी संघ, पेट्रोल पंप संघ, भारतीय चिकित्सा संघ, सराफा संघ, ऑटोमोबाइल संघ, दवा विक्रेता संघ, स्टेशनरी व्यापारी संघ आदि संगठनों ने संयुक्त रूप से ज्ञापन सौंपकर शुल्क वापस लेने की मांग की।

चिंताओं पर प्रतिक्रिया देते हुए विधायक शैलेन्द्र कुमार जैन ने व्यापारियों को आश्वासन दिया कि वह शीघ्र समाधान सुनिश्चित करने के लिए इस मामले को संबंधित विभाग और मंत्रालय के समक्ष उठाएंगे।

उपस्थित लोगों में CAIT के जिला अध्यक्ष सुरेंद्र जैन मालथोन, प्रदेश उपाध्यक्ष संजय अग्रवाल, महासचिव अनिमेष शाह और विभिन्न संगठनों के प्रतिनिधि, जैसे सुरेश होलानी, अजीत समैया, पंकज तिवारी, अशोक बालाजी, संजीव दिवाकर, राकेश बजाज, सौरभ उपकार, ऋतुराज जैन, अशोक जैन (मेडिको), अनिल जैन (जिन्न फार्मा), डॉ. संजीव मुखारिया, डॉ. खन्ना और दिलीप 'डब्बू' मुखारिया शामिल थे।

 

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जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग ने अपने एक आदेश में एक बीमा कम्पनी को और केंद्र सरकार द्वारा संचालित कॉमन सर्विस सेण्टर को सेवा में खामी का दोषी बताते हुए परिवादी को करीब 80 हजार रूपए का हर्जाना भुगतान करने के लिए कहा है। परिवाद के मुताबिक सम्बंधित बीमा कम्पनी और कॉमन सर्विस सेण्टर की दोषपूर्ण सेवाओं के चलते फरियादी अपनी फसल की बीमा योजना से जुड़े लाभ को  हासिल करने से वंचित रह गया

अधिवक्ता संतोष कुमार सोनी (मुखिया) ने बताया कि जिला उपभोक्ता विवाद प्रतितोषण आयोग के अध्यक्ष राजेश कुमार कोष्टा और सदस्यता अनुभा वर्मा के आदेश के मुताबिक एच.डी.एफ.सी. इरगो एग्रीकल्चर इन्श्योरेंस कंपनी (HDFC Irgo Agriculture Insurance Company) और कामन सर्विस सेंटर (Common Service Center)(विपक्षी क्र. 2) प्रदीप गुरु (परिवादी) को फसल बीमा क्षति दावा राशि 79,040 रुपये 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज सहित दो माह के भीतर भुगतान करें। इसके अलावा, सेवा में कमी के लिए 5000 रुपये और वाद व्यय के लिए 2000 रुपये देने का आदेश दिया गया।

परिवादी ने 2017 में ग्राम रामखेड़ी, तहसील देवरी की 9.5 एकड़ भूमि पर सोयाबीन की फसल का बीमा कराया था, जो पीला मोज़ेक रोग के कारण खराब हो गई थी। विपक्षियों ने क्लेम देने से इनकार किया जबकि अन्य किसानों को मुआवजा दिया गया। इस पर परिवादी ने न्यायालय में परिवाद दाखिल किया और आदेश उनके पक्ष में दिया गया।

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मकरोनिया स्थित रिलायंस मॉल में बिक्री के लिए उपलब्ध बासमती चावल के गुणवत्ता हीन होने की शिकायत मिलने पर जिला खाद्य सुरक्षा विभाग द्वारा रिलायंस मॉल से बासमती चावल का नमूना लिया गया। 

खाद्य सुरक्षा विभाग अधिकारी के मुताबिक मिलावटी खाद्य पदार्थों की विक्रय की जांच के लिए जिले भर में चलाये जा रहे अभियान के तहत कटरा स्थित डेयरी से दूध के नमूने एवं गोल्डन होम इंडस्ट्रीज से मिर्ची ,धनिया, सेंधा नमक, हल्दी आदि के नमूने जाच के लिए गए हैं। 

वहीं ग्रामीण क्षेत्र नरयावली से भी प्रतीक किराना से घी ,साहू किराना से बेसन के नमूने जांच हेतु लिए गए। इसी सिल्सिल में विभाग ने सभी खाद्य कारोबारियों से  अपने -अपने प्रतिष्ठानों  सीलिंग की कार्यवाही से बचने के जरूरी दस्तावेज अपडेट रखने के लिए कहा गया है। 

दूध डेरी,  किराना दुकान , मसाला इंडस्ट्रीज पर निरीक्षण कर एफएसएसएआई की गाइडलाइन के तहत निर्देश दिए जा रहे हैं एवं शंका के आधार पर नमूने संग्रहित कर  जाच करहेतु प्रयोगशाला भेजे जा रहे हैं ।

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/ निवेशकों के आर्थिक हितों को सुरक्षित करने के लिए सेबी लगातार कार्य कर रही है। सेबी के अभिषेक खंडेलवाल ने ये विचार  कलेक्टर कार्यालय  के मुख्य परिसर में भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) एवं नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के तत्वाधान में संयुक्त रूप से आयोजित निवेशक जागरूकता पर एक कार्यक्रम में  व्यक्त किये।
 
सेमिनार में कलेक्टर कार्यालय के सभी वरिष्ठ अधिकारियों ने हिस्सा लिया। सेमिनार को आयोजित करने का मुख्य उद्देश्य निवेशकों के हित के लिए सेबी द्वारा उठाए गए कदमों को बताना एवं साथ ही साथ सही वित्तीय योजना बनाते हुए प्रतिभूतियों के बारे में लोगों को अवगत कराना था।
 
कार्यक्रम में मुख्य अतिथि अभिषेक खंडेलवाल ने जीवन के विभिन्न चरणों में बचत के विभिन्न तरीकों के साथ साथ निवेश के तरीकों के विषय में विस्तार से बताया। उन्होंने ये भी बताया कि सेबी के द्वारा निवेशकों के हितों का ध्यान रखते हुए नए दिशा-निर्देश बनाए जा रहे हैं। 
 
उन्होंने ये भी बताया कि प्रतिभूति बाजार में किसी भी मध्यस्थ जैसे एजेंट, दलाल, कंपनी, मर्चेंट बैंकर आदि द्वारा निवेशकों से धोखाधड़ी किये जाने पर सेबी ने बहुत ठोस कदम उठाए हैं। 

निवेशक स्कोर्स की वेबसाइट पर जाकर अपनी शिकायत दर्ज करा सकते हैं। सेबी के द्वारा हाल ही में सारथी एप भी जारी किया गया है। जिसे डाउनलोड करके निवेशक सुरक्षित निवेश कर सकते हैं।
 

भारत एक विकासशील देश के रूप में निरंतर आगे बढ़ रहा है। निर्यात, कृषि, एम् एस एम् ई, स्टार्ट अप जैसे कई क्षेत्रों में देश की अर्थव्यवस्था की स्थिति मजबूत हो रही है। 

यही सही समय है कि जब लोगों को प्रतिभूति बाजार के विषय में विस्तार से जानकारी मिले, ताकि लोग अपने हितों का ध्यान रखते हुए सही एवं सुरक्षित निवेश के तरीके की समझ सके और एक बेहतर वित्तीय प्रबंधन की ओर अग्रसर हो।
 
द्वितीय सत्र में नेशनल सिक्योरिटीज डिपॉजिटरी लिमिटेड के श्री ओंकार आप्टे शेयर बाजार में स्टॉक एक्सचेंज की भूमिका के विषय में विस्तारपूर्वक जानकारी दी। उन्होंने बताया कि किस प्रकार से मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज में किस प्रकार से कंपनियों की रैंकिंग के आधार पर अंशो को सूचीबद्ध किया जाता है।

 निवेशकों को निवेश करने से पूर्व कंपनी की बैलेंस-शीट, पिछले वर्षों के प्रदर्शन एवं सेबी के मापदंडों को ध्यान में रखते हुए पंजीकृत एजेंट के द्वारा ही निवेश करना चाहिए।

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AAB NEWS/
मप्र में  वर्ष 2019 से पहले  के पंजीकृत वाहनों  पर हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट लगवाने की अंतिम तारिख 15 जनवरी  2024 को समाप्त हो चुकी है । बहुत से वाहन मालिक अपने वाहनों पर नए नंबर प्लेट लगवा चुके हैं और  
हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगवाने का सिलसिला अभी जारी है । 

लेकिन इस अभियान में वाहन डीलर वहां चालकों से  हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगवाने की पूरी कीमत ऑनलाइन वसूलने के बावजूद एजेंसी पर वहां  मालिकों से अतिरिक्त पैसा वसूलने के लिए नए नए हथकंडे अपना रहे हैं जिसे वाहन मालिकों और एजेंसी के कर्मचारियों के बीच विवाद की स्थितियां बन रहीं हैंl

बताया जा रहा है की वाहन एजेंसी पर हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट (HSRP) लगवाने पहुँच रहे हैं तो एजेंसी के कर्मचारी तकनीकी दिक्कत बताकर कहते हैं कि  गाड़ी मालिक को नंबर प्लेट लगवाने के लिए एक फ्रेम खरीदने के लिए दवाब बनाते हैं। इस फ्रेम पर प्रचार-प्रसार के लिहाज से उस वाहन एजेंसी का नाम पता  लिखा होता है और उस फ्रेम के लिए वाहन मालिक से अतिरिक शुल्क भी माँगा जा रहा है

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इस मामले में वाहन मालिकों का तर्क है कि जब नंबर प्लेट बेचने वाली कंपनी नंबर प्लेट और उसके लगवाने की कीमत ऑनलाइन पहले ही वसूल चुकी है तो एजेंसी पर अतिरिक्त शुल्क माँगना गलत है
। अगर हाई सिक्यूरिटी नंबर प्लेट (HSRP) जब की फिटिंग के लिए किसी फ्रेम की जरूरत भी है तो उस पर कंपनी के नाम का प्रचार- प्रसार नहीं होना चाहिए । 

उपभोक्ता अदालतें पहले ही कई मामलों में एजेंसी व् माल संचालकों पर जुर्माना लगा चुकीं हैं कि  कंपनियां अपने नाम या ब्रांड छपे झोले सामग्री कीमत वसूलकर नहीं दे सकतीं  हैं । वे  बिना नाम या ब्रांड का प्रचार नाम या तस्वीर वाले फ्रेम या झोले बेच सकतीं हैं .। 

इस मामले को लेकर कई वाहन मालिक ने उपभोक्ता अदालतों का द्वार खटखटाया है

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सागर शहर का बाज़ार अब किसी महानगर के बाजार के तर्ज पर बदलता जा रहा है । देश-दुनिया के बड़े बड़े ब्रांड अब अपनी फ्रैंचाइज़ी केंद्र सागर में शुरू करने के लिए उतावले नजर आ रहे है हैं । एक और खास बात है सागर के बाज़ार की वह है नामचीन ब्रांडों को मुख्य शहर के तुलना में उपनगर मकरोनिया की आबोहवा ज्यादा रास आ रही है

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सागर शहर में शुरू बड़े बड़े माल ज्यादातर मकरोनिया क्षेत्र में ही स्थित हैं । चाहे वह "विशाल माल" हो या पेंटालून का माल, रिलायंस मॉल, टाटा का वेस्ट साइड, कपडे का "मान्यवर" हो या फिर टाईटन का शो रूम, पैराडाइस मल्टीप्लेक्स, V2 मॉल,टाटा का ही युवाओं के लिए
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जाना जाने वाला  ज़ुडियो, या फिर टाटा का डिजिटल शोरूम हो वही रिलाएंस का डिजिटल वस्तुओं का माल भी मकरोनिया में शुरू होने जा रहा है । मॉल कल्चर को बढ़ावा देने में मकरोनिया सबसे आगे है ।

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लेकिन खानपान मामले में सिविल लाइन्स का क्षेत्र बाजी मारता नजर आ रहा है।

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